...just a thought.....
मनका उबडखाबड तरङ्ग जस्तै भरङ्गहरु
Monday, August 10, 2020
तीन हाइकु
शितल काँडा
बहनु एक रीत
मन्द मुस्कान
########
मुखैको गाँस
निल्नु न ओकल्नु भो
जुङ्गा मठार्यो ।
#########
सेता चमेली
रगतका टाटा छन्
नव यौवना
#########
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment