...just a thought.....
मनका उबडखाबड तरङ्ग जस्तै भरङ्गहरु
Thursday, July 13, 2017
मुक्तक: साथि
मुक्तक: साथि
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कुरो सुनुन्जेल स्वस्थ साथी
भनेको मानुन्जेल मस्त साथी
समयले अलिकती
गोडेर मौलाउँदा
बिर्सन्छन् गुन ति कस्ता साथी ।।
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