...just a thought.....
मनका उबडखाबड तरङ्ग जस्तै भरङ्गहरु
Wednesday, August 2, 2017
छोटो कविता : आषिक
आशा म राखुँ के
इच्छा म पोखुँ किन
सर्वेसर्वा तिमी सर्वज्ञाता पनि
मूढ बुद्धी बग्छ सुख खोजी
सद्मार्ग पहिल्याउन सकूँ रोजी
सद्कर्ममा तल्लिन रहूँ
सेवा, दया,क्षमामा बहूँ ।
- आबिष 8-2-2017
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