...just a thought.....
मनका उबडखाबड तरङ्ग जस्तै भरङ्गहरु
Sunday, February 24, 2019
मुक्तक : मुखौटो
मुक्तक :
~आविष्कार
रोपेर शूलको भाला
पहिरेर मुकुटको माला
फेरी फेरी मुखौटो कती हाँस्छौ
देखाएर ऋतुको चाला ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment